Sunday, May 30, 2010
SADGI...
somone's SADGI inspired me to write this....!
किसी की सादगी जब दिल को भा जाती है..
तो उसके सामने सितारों की चमक भी फीकी नजर आती है..
उसका हर अंदाज सुहाना लगता है..
जब कहता है कोई भोली सी आँखों से..
सीधा सीधा दिल पे निशाना लगता है..
जिनकी बातोमें न कोई बनावट होती है..
न दुनियादारी की मिलावट होती है..
ऐसी सादगी को अब क्या कहे..
वो तो जैसे रब की इबादत होती है..
वो जो मंदिर सी पावन है..
शाम सी सुनहरी है..
जो है दुआओ से सच्ची..
हवाओ में बहती है..
सादगी ज़माने में रहकर भी ज़माने से जुदा रहती है...
उनकी आहट का इंतज़ार सा रहता है.
मानो दिन भर की थकन दूर होती है..
वो जो बच्चो सा हँसती है..
और गम में पलके भिगोती है..
किसी की रूह को ठंडक दे और दे जो मासूम मुस्कराहट होठों को
ऐसी सादगी इस दुनिया में कम ही होती है..
जो बातें इतनी सीधी सरल होती है..
दिल के वो करीब होती है..
सादगी होती है..मोती की तरह ..
गहराई में छुपी होती है..
चाहे कोई माने या न माने..
यही सच्ची खूबसूरती की पहचान होती है..
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wow mam beautiful is se kisi aur ka to pata nahi bt aapki sadgi ki wah wah hai..n really dat person is lucky abt whom u wrote..
ReplyDeletebdway likha kis ke liye hai, ranbir, itni khoobsurat saadgi meine toh nhi dekhi ussme, jitni khoobsurat aapki poem hai, kahi khudko aaine mein dekh ke toh nhi likhi ;)
ReplyDeleteawesome truly beatiful....
keep it up...
n i had alreay told u, nice template n nice feel, complementing ur post :)
keep writing....
thnxx apeksha...:)
ReplyDeletearee its not ranbir..I I M told u na....:)
ReplyDeletevaise ye post kisi ek k baare me nahi hai...kuch lines k alava..its dedicated to all the beautiful , n simple ppl. i hav met..like u, shweta, apeksha , sum of my other frnds n of course me...:):)